सोमवार, 26 मार्च 2012

ऊर्जा का महत्व हम सब के जीवन में- 3

 ऊर्जा का महत्व हम सब के जीवन में- 3
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 २ या ४ कमरों कीएक जगह जिस में साथ -२ सटे शौचालय ,रसोई और स्नानागार हों को घर कहा जाने लगा है जिस में आँगन के नाम पर छोटी सी बालकनी होती है और कहीं -२ वो भी नहीं.   हवा ,रौशनी आने के पर्याप्त स्रोत भी नहीं होते तो जितनी उर्जा की उत्तम जीबन जीने के लिए जरूरत होती है वो मिल नहीं पाती  और वास्तुज्ञान न होने के कारण घर के जिस हिस्से में जो स्थान होना चाहिए वो भी  नहीं होता तो जो थोड़ी बहुत उर्जा आती भी है वो भी नकारात्मक रूप धारण कर लेती है परिणाम स्वरूप बीमारियाँ और लड़ाई झगडे हम लोगों के जीवन का अटूट हिस्सा बनते जा रहे है 
यदि  वास्तु के हिसाब से घर में परिवर्तन करवा लिए जाए तो उससे अच्छा कोई विकल्प ही नहीं,किन्तु ये काफी महंगा और मुश्किल उपाय है  कुछ और सरल उपाय है जिनसे पूरी तरह तो नहीं किन्तु आंशिक रूप  से नकारात्मक उर्जा को खत्म करके  सकारात्मक उर्जा पाई जा सकती है ......
दिशाओं के स्वभाव को जान कर उन के अनुरूप सामान  ही रखें,
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जैसे इशान कोण में पूजा का स्थान,पानी संचय ,स्टडी रूम ,बच्चों के सोने का कमरा इत्यादि होने चाहिए 
दक्षिण दिशा में भारी सामान अलमारी,बिजली के सभी उपकरण, बिजली का मीटर,मोटर इत्यादि होना चाहिए 
पश्चिम में दम्पति के सोने का स्थान ,आग्नेय कोण में रसोई ,यदि आग्नेय कोण में रसोई न हो तो रसोई का आग्नेय कोण जाने और उस स्थान पर खाना बनाने के लिए अग्नि जलाये !

नमक में नकारात्मक उर्जा को सोखने की अद्भुत शक्ति होती है ,अपने घर के उस स्थान पर जहां सब लोग  अधिक समय व्यतीत करते हो एक बड़े कटोरे में नमक भर कर रखें ,नकारात्मक ऊर्जा आपसी मनमुटाव के कारण बन रही हो या वास्तु दोष के कारण ,उसे नमक सोख लेगा और आप कुछ ही दिनों में राहत महसूस करेगे 
समस्या के कम या ज्यादा होने के हिसाब से नमक की मात्रा कम या ज्यादा की जा सकती है  
लगभग २० दिन के बाद उस नमक को नाली में बहा दें और नया नमक कटोरे में भर के रख दें 
नकारात्म ऊर्जा को खत्म करने के और उपाय अगली बार.......क्रमशः

  

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